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क्या उत्तर प्रदेश में 28 प्रत्याशी लगा पाएंगे जीत की हैट्रिक, चुनौती के साथ-साथ यह एक बड़ा प्रश्न

लखनऊ /महराजगंज! उत्तर प्रदेश की 28 सीटों पर ऐसे प्रत्याशी हैं जो जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतरे हैं। इन प्रत्याशियों के सामने इस बार चुनौतियां अधिक नजर आ रही हैं। इनमें से तमाम सीटें ऐसी हैं, जहां पर कोई भी लगातार तीसरी बार चुनाव नहीं जीत सका है। जीत की हैट्रिक के लिए मैदान में उतरने वाले सभी प्रत्याशी भाजपा से हैं। इन प्रत्याशियों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, डा. महेंद्र नाथ पांडेय, अनुप्रिया पटेल जैसे बड़े नाम शामिल हैं। यहां सिर्फ उन 28 सीटों का जिक्र किया जा रहा है, जहां पर वर्ष 2014 व 2019 में किसी दल विशेष से जो प्रत्याशी लगातार चुनाव जीते हैं और इस बार भी ताल ठोक रहे हैं।

ये हैं वे 28 सीटें जहां के सांसद तीसरी बार जीत के लिए मैदान में हैं

इन सीटों में वाराणसी से नरेंद्र मोदी, लखनऊ से राजनाथ सिंह, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय, गौतमबुद्ध नगर से डा. महेश शर्मा, बुलंदशहर से भोला सिंह, अलीगढ से सतीश कुमार गौतम, मथुरा से हेमा मालिनी, आंवला से धर्मेन्द्र कश्यप, खीरी से अजय मिश्रा टेनी, धौरहरा से रेखा वर्मा, सीतापुर से राजेश वर्मा, उन्नाव से साक्षी महाराज, मोहनलालगंज से कौशल किशोर, सुल्तानपुर से मेनका गांधी, फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत, अकबरपुर से देवेन्द्र सिंह भोले, जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा, हमीरपुर से पुष्पेंद्र सिंह चंदेल, फतेहपुर से निरंजन ज्योति, कौशांबी से विनोद सोनकर, फैजाबाद से लल्लू सिंह, गोंडा से कीर्ति वर्धन सिंह, डुमरियागंज से जगदंबिका पाल, बस्ती से हरीश द्विवेदी, महाराजगंज से पंकज चौधरी, बांसगांव से कमलेश पासवान, सलेमपुर से रवीन्द्र कुशवाहा तथा मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल भाजपा सहयोगी दल अपना दल (एस) से तीसरी बार प्रत्याशी हैं।

राजनाथ सिंह व मेनका गांधी लगा चुकी हैं हैट्रिक लेकिन सीटें बदली थी

राजनाथ सिंह और मेनका गांधी ऐसे प्रत्याशी हैं जो 2009 और उससे पहले भी सांसद थे। फर्क इतना है कि राजनाथ सिंह 2009 में गाजियाबाद से सांसद थे और पिछले दो बार से लखनऊ से सांसद हैं। जबकि मेनका गांधी 2009 में आंवला व 2014 में पीलीभीत और अब सुल्तानपुर से सांसद होने के साथ ही इस ही इस बार इसी सीट से प्रत्याशी भी हैं। इनका जिक्र यहां पर इसलिए आ रहा है क्योंकि भाजपा की दो सरकारों में लगातार ये सांसद रहे हैं और पार्टी का इन पर अटूट भरोसा है।

11 सीटें ऐसी हैं जहां पर अब तक नहीं लगी है हैट्रिक

इनमें से सलेमपुर, मिर्जापुर, आंवला, धौरहरा, गौतमबुद्धनगर, सुल्तानपुर, फर्रुखाबाद, अकबरपुर, फतेहपुर, कौशांबी, अयोध्या (फैजाबाद) ऐसी सीटें हैं जहां से आज तक कोई प्रत्याशी तीसरी बार नहीं जीता है। किसी भी प्रत्याशी के लगातार दो बार तक जीतने का ही रिकार्ड इन सीटों पर है। इन सीटों पर तीसरी बार जीत के इरादे से उतरे प्रत्याशियों के सामने चुनौतियां अधिक हैं।

पंकज चौधरी जीते तो यह उनकी दूसरी हैट्रिक होगी

लखनऊ से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लगातार पांच चुनावों में जीत का रिकार्ड बनाया था। महाराजगंज से भाजपा सांसद व केंद्र सरकार में राज्यमंत्री पंकज चौधरी एकमात्र ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन्होंने जीत की हैट्रिक 1991, 1996 व 1998 में लगातार जीत दर्ज कर लगाई। इधर 2014 व 2019 में लगातार दो बार फिर से सांसद चुने जा चुके हैं, इस चुनाव में भी जीते तो उनकी इस संसदीय क्षेत्र से दूसरी हैट्रिक होगी।

बांसगांव व डुमरियागंज के प्रत्याशी जीतें तो उनकी चौथी जीत होगी

बांसगांव से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महाबीर प्रसाद ने भी जीत की हैट्रिक लगाई थी। मौजूदा भाजपा प्रत्याशी कमलेश पासवान पिछले तीन चुनावों में जीत का रिकार्ड बना चुके हैं। इस बार यह जीतते हैं तो इनकी चौथी जीत होगी। इनके लिए इस बार जीत की हैट्रिक का आशय जीत के साथ लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार बनाने से है। डुमरियागंज से भाजपा के प्रत्याशी व सांसद जगदंबिका पाल भी लगातार तीन जीत दर्ज कर चुके हैं। फर्क इतना है कि 2009 में वह कांग्रेस के प्रत्याशी थे और 2014 व 2019 में भाजपा के प्रत्याशी थे।

इन दर्जन भर सीटों पर पहले लग चुकी है जीत की हैट्रिक

उन्नाव में कांग्रेस के सांसद रहे कृष्णदेव त्रिपाठी और भाजपा के सांसद रहे देवी बक्श सिंह पूर्व में जीत का हैट्रिक इस सीट से लगा चुके हैं। इस बार फिर से साक्षी महाराज जीते तो वह हैट्रिक लगाने वाले तीसरे सांसद होंगे। मोहनलालगंज सीट से कांग्रेस की नेता रहीं गंगा देवी भी जीत की हैट्रिक लगा चुकी हैं। जालौन संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस नेता रामसेवक चौधरी, हमीरपुर से कांग्रेस नेता मनुलाल द्विवेदी, गोंडा से कांग्रेस नेता आनंद सिंह, बस्ती से भाजपा नेता श्रीराम चौहान, बुलंदशहर से कांग्रेस नेता सुरेंद्र पाल सिंह तथा भाजपा नेता छत्रपाल सिंह तथा खीरी से बाल गोबिंद शर्मा, ऊषा वर्मा तथा रवि प्रकाश वर्मा जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। अलीगढ़ से भाजपा नेता शीला गौतम, मथुरा से भाजपा नेता तेज सिंह, सीतापुर से कांग्रेस की नेता राजेंद्र कुमार वाजपेयी तथा वाराणसी से भाजपा नेता शंकर प्रसाद जायसवाल भी लगातार तीन चुनावों में जीत का रिकार्ड पूर्व में बनाए थे।

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